योजना का उद्देश्य:
सदस्यों को अचानक आए घरेलू संकट (चिकित्सा, शिक्षा, मरम्मत आदि) के लिए त्वरित वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।
1. ऋण राशि:
₹500 प्रति (अधिकतम ₹50,000/माह)
केवल सदस्यों के लिए (वार्षिक सदस्यता: ₹111)
2. पात्रता:
प्रत्येक ऋण हेतु: 3 या अधिक नए सदस्य जोड़ने अनिवार्य
चुकौती अवधि: 1 माह से एक साल * (बिना ब्याज *)
: लचीला नियम :
यदि वर्तमान में आपकी आर्थिक स्थिति खराब है और आप ऋण राशि चुकाने में असमर्थ हैं, तो भी आप नए वार्षिक सदस्य बना ऋण के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। (अधिकतम पांच बार)।
1. : दान राशि ₹111/- जमा करें (UPI)।
2. 3 या अधिक नए सदस्य जोड़ें: परिवार/मित्रों या अन्य को संगठन से जोड़ें।
3. ऋण आवेदन: फॉर्म भरें + आपातकालीन खर्च का विवरण दें।
4. राशि वितरण: 24 -48 घंटे में बैंक/UPI से।
· ऋण राशि केवल आपातकालीन उपयोग हेतु।
(ऋण की राशि अधिक से अधिक नए सदस्य जोड़ने पर निर्भर है।)
· धोखाधड़ी पाए जाने पर सदस्यता रद्द।
: हेल्पलाइन :
· WhatsApp Channel : Click Here
· वेबसाइट: Click Here
"₹111 की सदस्यता + 3 लोगों को जोड़ें → पाएँ ₹500 से ₹ 50,000 ब्याज-मुक्त ऋण*
“ सहयोग_ही_समाधान “
(अधिक जानकारी हेतु निकटतम धर्मसेवक से संपर्क करें।)

· रमेश (सदस्य) ने ₹101 /- (साल में मात्र एक बार ) जमा किएा + अधिक से अधिक नए सदस्य जोड़े
→ ₹5000 ऋण प्राप्त कर बच्चे की दवाई , स्कूल की किताबे खरीदी।
पुराना ऋण जमा कर पुनः नया आवेदन किया। (अगर पुराण ऋण नहीं भी चूका पाए है तो भी 5 अन्य बार आवेदन कर सकते है , नए सदस्य जोड़कर )
· एक साल में 5 बार से अधिक ऋण लेने पर पुनः प्रोसेस फीस रु 101 /- जमा करना होगा।
अधिक नए सदस्य जोड़े , अधिक ऋण पाए। ( ज्यादा सदस्य जोड़ने वाले सदस्य को ज्यादा ऋण। )
नोट: यह योजना छोटी आपातकालीन जरूरतों हेतु बनाई गई है, बड़े ऋण के लिए हमारी मुख्य ऋण योजना देखें।
" एक छोटा ऋण, एक बड़ी मुस्कान - वैदिक एकता परिषद आपके साथ "
1. आर्थिक स्थिरता ➝ अपराध दर में कमी
उदाहरण: जब कोई परिवार को तुरंत ₹500-₹50,000 का ब्याज-मुक्त ऋण मिलेगा, तो वे:
- साहूकारों/गैर-कानूनी स्रोतों से कर्ज नहीं लेंगे।
- हताशा में चोरी/छिनताई जैसे अपराधों से बचेंगे।
2. धार्मिक एवं नैतिक मूल्यों का पालन
प्रभाव : ऋण लेने के लिए3 नए सदस्य या अधिक जोड़ने की शर्त से:
लोग संगठन से जुड़ेंगे ➝ सत्संग/योग शिविर में भाग लेंगे।
वैदिक संस्कृति (सत्य, अहिंसा, सेवा) का प्रसार होगा।
3. सामुदायिक एकता मजबूत होगी
तथ्य : सदस्य एक-दूसरे को ऋण चुकाने में मदद करेंगे ➝ "सहयोग की भावना" बढ़ेगी।
उदाहरण : गाँव में 10 लोग जुड़ेंगे तो₹5000 का सामूहिक कोष बनेगा।
4. संस्कृति संरक्षण को बढ़ावा
कारण : ऋण लेने वाले सदस्य:
यज्ञ/भजन कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
अपने बच्चों को संस्कृत/वैदिक शिक्षा दिलाएँगे।
5. महिला सशक्तिकरण
लाभ : महिलाएँ छोटे घरेलू व्यवसाय(सिलाई, मशरूम उगाना) शुरू करेंगी ➝ आत्मनिर्भर बनेंगी।
6. स्वास्थ्य सुधार
प्रभाव : ऋण से चिकित्सा खर्च पूरे होंगे ➝ लोग बीमारी में "झाड़-फूँक" की बजाय डॉक्टर के पास जाएँगे।
7. युवाओं का रोजगार से जुड़ाव
उदाहरण : युवा ₹500 से मोबाइल रिचार्ज/छोटा सामान खरीदकर पैसा कमाने का प्रयास करेंगे।
समाज पर समग्र प्रभाव (Infographic)
आपातकालीन ऋण
↓
आर्थिक स्थिरता → अपराध में कमी
↓
धर्म/संस्कृति की ओर झुकाव
↓
स्वास्थ्य/शिक्षा में सुधार
↓
सामुदायिक एकता मजबूत
₹111 की सदस्यता + 3 लोगों को जोड़कर न केवल स्वयं को, बल्कि पूरे समाज को सशक्त बनाएँ!" (जितना अधिक सदस्य जोड़े उतना अधिक ब्याज मुक्त ऋण पाए )
(वैदिक एकता परिषद् - सेवा, संस्कृति और समृद्धि की ओर कदम…)
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