

Vaidik ekta parishad
योजना का संक्षिप्त परिचय
वैदिक एकता परिषद् द्वारा संचालित यह योजना “अष्टांग योग ” (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि) और “वैदिक आध्यात्मिकता” को आधुनिक जीवनशैली से जोड़ती है। इसका उद्देश्य तनावमुक्ति, शारीरिक स्वास्थ्य और आत्मज्ञान को बढ़ावा देना है।
अगर कोई मनुष्य नियमित रूप से अष्टांग योग का अभ्यास करता है, तो उसे शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तीनों स्तरों पर अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। अष्टांग योग महर्षि पतंजलि द्वारा बताए गए योग का मार्ग है, जिसमें आठ अंग होते हैं:
सुझाव: प्रतिदिन सुबह 30 मिनट आसन + प्राणायाम+ ध्यान का अभ्यास करें।
अष्टांग योग का नियमित अभ्यास व्यक्ति को एक संपूर्ण जीवनशैली प्रदान करता है। यह सिर्फ शारीरिक कसरत नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में संतुलन और विकास का मार्ग है।
(वैदिक एकता परिषद् द्वारा संचालित योग शिविरों की जानकारी व्हाट्सप्प चैनल में दिया जायेगा।
समयगतिविधि
5:30 - 5:40 शुभारंभ, मंत्रोच्चार, ध्यानपूर्वक मौन बैठना
5:40 - 6:00 Yam & Niyam पर संक्षिप्त मार्गदर्शन (नैतिक व मानसिक शुद्धि हेतु)
6:00 - 6:20 आसन अभ्यास – शरीर को जाग्रत करने वाले योगासन
6:20 - 6:40 प्राणायाम – अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी आदि
6:40 - 6:50 प्रत्याहार व धारणा – इंद्रिय संयम व एकाग्रता अभ्यास
6:50 - 7:10 ध्यान अभ्यास – निर्देशित ध्यान व आत्मचिंतन
7:10 - 7:30प्रश्नोत्तर / दैनिक जीवन में योग का समावेश / योग कथा
हर दिन के अभ्यास के बाद पौष्टिक व शरीर शुद्धिकरण हेतु नाश्ता
(निम्न में जो समय में उपलब्ध हो ):
वैदिक एकता परिषद - सदस्य हेतु ₹ 501/-
7 दिन योग सत्र + निःशुल्क नाश्ता
सामान्य पंजीकरण - ₹ 2,100/-
7 दिन योग सत्र + निःशुल्क नाश्ता(
शिविर शुल्क में छूट हेतु वार्षिक सदस्य बने व अन्य कई सदस्यता लाभ प्राप्त करें।
(वार्षिक सदस्यता दान राशि रु 521/- रु 111/- मात्र)

ईमेल: shivir@vaidikektaparishad.com
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